- शब्द बह रहे हैं
कागज़ के प्याले में अंतहीन बारिश की तरह
ब्रह्मांड भर में खिसकते ही वे बेतहाशा फिसल जाते हैं
दुखों के कुंड आनंद की लहरें
मेरे खुले दिमाग से बह रहे हैं
मुझे रखना और दुलारना
जय गुरु देव ओम
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
टूटी रोशनी की छवियां
मेरे सामने कौन सा नृत्य लाखों आंखों की तरह है
वे मुझे ब्रह्मांड में और आगे बुलाते हैं
विचार एक की तरह घूमते हैं
लेटर बॉक्स के अंदर बेचैन हवा
ब्रह्मांड में अपना रास्ता बनाते समय वे आँख बंद करके गिरते हैं
जय गुरु देव ओम
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
हँसी की आवाज़, जीवन के रंग
मेरे खुले कानों से बज रहे हैं
मुझे उकसाना और आमंत्रित करना
असीम अमर प्रेम
जो मेरे चारों ओर एक लाख सूर्यों की तरह चमकता है
यह मुझे ब्रह्मांड में और आगे बुलाता है
जय गुरु देव ओम
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
मेरी दुनिया बदलने के लिये कुछ नहीं होने वाला
जय गुरु देव
जय गुरु देव
जय गुरु देव
जय गुरु देव
जय गुरु देवलेखक/लेखक: जॉन लेनन, पॉल मेकार्टनी
प्रकाशक: सोनी/एटीवी म्यूजिक पब्लिशिंग एलएलसी
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